Wednesday, February 10, 2016

पिता

पहली पाठशाला है जो ज्ञान की सरिता है🙏
वो और कोई नहीं, वह तो मेरे पिता है🙏🙏

मुझको जन्म देने वाले, मेरे रचयिता है🙏
वो और कोई नहीं, वह तो मेरे पिता है🙏🙏

जिसने समझाया कि जीवन एक प्रतियोगिता है🙏
वो और कोई नहीं, वह तो मेरे पिता है🙏🙏

ये शिक्षा दी, कहाँ किसकी कितनी उपयोगिता है🙏
वो और कोई नहीं, वह तो मेरे पिता है🙏🙏

जिसने आत्मसात कराई मुझे आचार संहिता है🙏
वो और कोई नहीं, वह तो मेरे पिता है🙏🙏

सफलता का मन्त्र चाटुकारिता नहीं, सहकारिता है🙏
वो और कोई नहीं, वह तो मेरे पिता है🙏🙏

निर्णय करने से पहले आवश्यक दूरदर्शिता है🙏
वो और कोई नहीं, वह तो मेरे पिता है🙏🙏

सादा जीवन, उच्च विचार, श्रेष्ठ मितव्ययिता है🙏
वो और कोई नहीं, वह तो मेरे पिता है🙏🙏

उन्ही के कारण लिख सका, ये न समझो कविता है🙏
वो और कोई नहीं, वह तो मेरे पिता है🙏🙏



🙏🙏🙏

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